भारत का सबसे बड़ा IVF नेटवर्क बनने की तैयारी में येलो फर्टिलिटी

नई दिल्ली – भारत के सबसे किफायती और सबसे तेजी से बढ़ते फर्टिलिटी सेंटर्स में शामिल येलो फर्टिलिटी एंड आईवीएफ ने 2030 तक अपने नेटवर्क का विस्तार 100 केंद्रों तक करने की महत्वाकांक्षी योजना पेश की है। यह पहल भारत में सबसे बड़ा और सबसे भरोसेमंद आईवीएफ नेटवर्क बनने के ब्रांड के मिशन के अनुरूप है। इसका उद्देश्य न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर के लाखों इच्छुक माता-पिता तक उच्च गुणवत्ता वाली और किफायती फर्टिलिटी सेवाएं सुलभ कराना है। भारत का आईवीएफ बाजार तेजी से बढ़ रहा है। 2020 में इस बाजार का आकार करीब 930 मिलियन डॉलर था। अनुमान है कि 2033 तक यह बढ़कर 5.05 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस दौरान आईवीएफ बाजार में सालाना 16% की वृद्धि (सीएजीआर) देखी जा सकती है। इस तेजी के पीछे बांझपन को लेकर बढ़ती जागरूकता, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की बढ़ती पहुंच और सहायक प्रजनन तकनीकों को लेकर बढ़ती समझ और स्वीकार्यता जैसे कारण हैं। हर साल देश में लगभग तीन लाख आईवीएफ साइकिल किए जाते हैं, इसके बावजूद इलाज में अब भी बड़ी खाई बनी हुई है। देश में बांझपन से जूझ रहे लगभग 2.8 करोड़ दंपत्तियों में से फिलहाल केवल 1% ही चिकित्सा मदद ले पा रहे हैं। इस बीच, भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 1951 के 5.9 से घटकर 2021 में 2.0 पर आ गई है। कई राज्य पहले ही प्रतिस्थापन स्तर (2.0) से नीचे जा चुके हैं। इन रुझानों से साफ है कि प्रजनन से जुड़ी सस्ती और सुगम इलाज सुविधाएं आज पहले से कहीं ज़्यादा जरूरी हो गई हैं। येलो फर्टिलिटी का विस्तार मॉडल गहन मार्केट रिसर्च पर आधारित है, जिसमें ज्यादा संभावनाओं वाले नए बाजारों की पहचान की जाती है। इसके लिए प्रजनन दर, सामाजिक परिवेश, प्रतिस्पर्धा की स्थिति, इलाज में सफलता का स्तर और क्षेत्रीय कीमतों के रुझान जैसे कई पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है। कंपनी का फोकस ऐसा बिजनेस मॉडल विकसित करने पर है, जो प्रमुख आईवीएफ विशेषज्ञों को आकर्षित करे और मरीजों के लिए इलाज को अधिक सुलभ बनाने के लिए सफलता-आधारित कीमत तय करे। येलो फर्टिलिटी का लक्ष्य है कि जिन इलाकों में अब तकआईवीएफ सेवाएं सीमित हैं, वहां सबसे पहले पहुंच बनाकर कारोबार का विस्तार किया जाए और मजबूत स्थिति हासिल की जाए। विस्तार की टाइमलाइन: चौथी सबसे बड़ी कंपनी से लेकर भारत की अग्रणी कंपनी बनने तक येलो फर्टिलिटी का विस्तार दो रणनीतिक चरणों में होगा: पहला चरण (2025–2027): चौथी सबसे बड़ी IVF चेन बनना वित्त वर्ष 2027 तक, येलो 20 केंद्रों का संचालन करेगा, जिनमें 8 नए L2 IVF केंद्र और 8 नए L1 केंद्र शामिल होंगे। दूसरा चरण (2027–2030): 100 केंद्रों तक विस्तार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनान 2030 तक येलो फर्टिलिटी की योजना भारत के टियर 1, 2 और 3 शहरों में 100 केंद्र (30 L2 और 70 L1) स्थापित करने और 750 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व हासिल करने की है ब्रांड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने कदम बढ़ाने की योजना बना रहा है: दक्षिण एशिया: बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका,अफ्रीका: इथियोपिया और कैमरून,मध्य पूर्व: संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और कतर

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