6 करोड़ की मदद मृत मेडिकल छात्रों, डॉक्टरों और घायलों के परिवारों तक पहुंची

नई दिल्ली – एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसे के बाद जब अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज ने आज दोबारा कक्षाएं शुरू कीं, तो माहौल अब भी शोक से भरा हुआ था। इसी गमगीन पृष्ठभूमि में एक भावुक क्षण देखने को मिला, जब इस भयावह त्रासदी से प्रभावित परिवारों और घायलों तक पहली बार आर्थिक मदद पहुंची। कुल 6 करोड़ रुपए की यह राहत, यूएई के हेल्थकेयर उद्यमी और परोपकारी डॉ. शमशीर वायलिल द्वारा प्रदान की गई। दुर्घटना के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने इस सहायता की घोषणा की थी। अबू धाबी से वीपीएस हेल्थकेयर के प्रतिनिधि इस सहायता राशि को लेकर अहमदाबाद पहुंचे और इसे बीजे मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. मीनाक्षी पारिख के कार्यालय में एक निजी समारोह में प्रभावित परिवारों को सौंपा गया। इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश एस. जोशी और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य भी उपस्थित रहे।सहायता के तहत चार मृत छात्रों आर्यन राजपूत (ग्वालियर), मनव भाडू (श्रीगंगानगर), जयप्रकाश चौधरी (बाड़मेर) और राकेश दियोरा (भावनगर) के परिजनों को 1 करोड़ रुपए, डॉक्टरों व अन्य मृतकों के परिजनों को प्रति व्यक्ति 25 लाख रुपए (जैसे डॉ. प्रदीप सोलंकी को पत्नी और साले के लिए, डॉ. नीलकंठ सुथार को तीन परिजनों के लिए, और डॉ. योगेश हदत को भाई के लिए), तथा 14 गंभीर रूप से घायलों को जिनमें छात्र, रेजिडेंट्स (जैसे डॉ. केल्विन गमेती, डॉ. प्रथम कोलचा) और फैकल्टी परिजन (जैसे मनीषाबेन और उनका 8 महीने का बेटा) शामिल हैं 3.5 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई। यह ₹6 करोड़ की सहायता 17 जून को किए गए डॉ. शमशीर वायलिल के वादे को पूरा करती है डॉ. शमशीर ने उस दुर्घटना के कुछ ही दिन बाद यह वादा किया था जिसने अतुल्यम हॉस्टल परिसर को झकझोर कर रख दिया था।उस समय, डॉ. शमशीर ने एक व्यक्तिगत पत्र में लिखा था:आपके प्रियजनों के जो सपने थे, वे हम सभी के साझा सपने थे, जो चिकित्सा सेवा को अपना जीवन मानते हैं। कृपया जानिए कि आप अकेले नहीं हैं। संपूर्ण चिकित्सा समुदाय आपके साथ खड़ा है। सहायता राशि के वितरण के बाद, मृतकों की स्मृति में एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। संकाय, छात्र और स्टाफ मौन में एकत्रित हुए। कई लोगों के लिए यह हादसे के बाद पहली बार कॉलेज लौटना था।कॉलेज की डीन डॉ. मीनाक्षी पारिख ने कहा, हम अब भी इस अपूरणीय क्षति को स्वीकारने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे समय में एकजुटता के ये छोटे-छोटे कदम हमें याद दिलाते हैं कि चिकित्सा समुदाय दुख की घड़ी में भी एक साथ खड़ा होता है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से डॉ. शेखर पारघी ने कहा, हमने अपने दोस्त खोए हैं। यह दर्द असली है। जो डॉ. शमशीर ने किया, वह हमारे लिए बहुत मायने रखता है।

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