मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने ऐतिहासिक एकीकृत विनिर्माण इकाई का किया उद्घाटन

नई दिल्ली – दुनिया के पांचवें सबसे बड़े खुदरा आभूषण विक्रेता (ज्वेलरी रिटेलर) मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स, तेलंगाना में अत्याधुनिक, पूरी तरह से एकीकृत (इंटीग्रेटेड) आभूषण विनिर्माण इकाई (ज्वेलरी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट) की शुरुआत की है. यह इकाई अपनी तरह की सबसे बड़ी है। मलाबार गोल्ड के 13 देशों में 400 से ज्यादा शोरूम हैं।इस इकाई की शुरुआत को लेकर मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एम पी अहमद ने कहा, “हैदराबाद में हमारी अत्याधुनिक आभूषण विनिर्माण इकाई, जो परंपरा, कला, आधुनिकता और परिशुद्धता का संयोजन करती है, आभूषण विनिर्माण में एक नए युग की शुरुआत है। यह इकाई हमारे ‘मेक इन इंडिया, मार्केट टू द वर्ल्ड’ दृष्टिकोण के अनुरूप वैश्विक बाजारों के लिए भारत में विश्वस्तरीय आभूषण तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है। यह भारत को उत्कृष्ट शिल्प कौशल (क्राफ्टमैनशिप) और डिजाइन उत्कृष्टता (एक्सीलेंस) के वैश्विक केंद्र (ग्लोबल हब) के रूप में स्थापित करने की दिशा में उठाया गया रणनीतिक कदम है। सोना हमेशा स्नेह और प्रेम का सबसे पवित्र प्रतीक रहेगा। मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स में हम सिर्फ बेहतरीन सोने और हीरे के गहनों की पेशकश के जरिए इस विरासत का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही हम लाइफटाइम मेंटेनेंस का विश्वसनीय ‘मलाबार प्रॉमिसेज’ और पारदर्शी बायबैक गारंटी प्रदान करते हैं- जो दिखाता है कि हम हर खरीद के साथ कितनी अधिक वैल्यू और प्रमाणिकता प्रदान करते हैं। मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी (इंडिया ऑपरेशंस) आशेर ओ ने कहा, “बुलियन की सोर्सिंग से लेकर, विनिर्माण (मैन्यूफैक्चरिंग), थोक और खुदरा बिक्री तक पूरे ज्वेलरी वैल्यू चेन में मजबूत उपस्थिति के साथ एक एकीकृत कारोबार होने की वजह से यह एकीकृत विनिर्माण इकाई भारत में उत्कृष्ट गहनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हमारी क्षमताओं को बढ़ाती है, जो हमारे लिए सबसे बड़ा बाजार है। चूंकि चालू वित्त वर्ष के अंत तक हम अपनी मौजूदगी को बढ़ाकर 22 राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों तक ले जाने की तैयारी में हैं, ऐसे में हम असाधारण शिल्पकला, डिजाइन में बहुत अधिक विविधता और उत्कृष्ट गुणवत्ता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।रंगा रेड्डी जिले के महेश्वरम के जनरल पार्क में स्थित और 3.45 लाख वर्ग फुट में फैली, अपनी तरह की यह पहली एकीकृत विनिर्माण इकाई, भारत और जीसीसी देशों में समूह की 14 विनिर्माण इकाइयों में सबसे बड़ी है।एकीकृत विनिर्माण इकाई में डिजाइनिंग, रिफाइनिंग, विनिर्माण (मैन्यूफैक्चरिंग), क्वालिटी एश्योरेंस, हॉलमार्किंग, वेयरहाउसिंग और सप्लाई चेन मैनेजमेंट जैसे सभी प्रमुख कार्य एक ही परिसर में हो सकते हैं। इस इकाई में सालाना 4.7 टन से अधिक सोने के गहने और 1.8 लाख कैरेट हीरे के गहने बन सकते हैं। इसके अलावा इस यूनिट में हर वर्ष 78 टन सोने की रिफाइनिंग हो सकती है। इस इकाई में 18 राज्यों के 2,750 कुशल कारीगर काम कर रहे हैं और यहां वर्कफोर्स की सेफ्टी, सिक्योरिटी, बेहतरी और सुविधा भी सुनिश्चित की जाती है। इस इकाई के कुल कार्यबल (वर्कफोर्स) में से 40 प्रतिशत की भर्ती स्थानीय आबादी से की गई है और कुल कार्यबल में पुरुष और महिला का अनुपात 80:20 का है।तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री रेवंत रेड्डी ने जनरल पार्क इकाई का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया। मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एम. पी. अहमद, वाइस-चेयरमैन अब्दुल सलाम के.पी; मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर (इंडिया ऑपरेशंस) आशेर ओ; एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निषाद ए के और मलाबार ग्रुप के शीर्ष मैनेजमेंट के अन्य सदस्यों, तेलंगाना सरकार के अन्य गणमान्य लोगों एवं शुभचिंतकों की गरिमामयी उपस्थिति में इस इकाई की शुरुआत हुई। उत्पादन क्षमता बढ़ने से समूह को ‘मेक इन इंडिया, मार्केट टू द वर्ल्ड’ के अपने विजन के अनुरूप भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आक्रामक तरीके से अपने खुदरा कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स की सोने एवं हीरे के गहनों की कुल सालाना उत्पादन क्षमता 40.68 टन और 3.61 लाख कैरेट से अधिक है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी आभूषण निर्माताओं में से एक बनाती है।मलाबार ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निषाद ए.के ने कहा,इस विनिर्माण इकाई में अत्याधुनिक (स्टेट-ऑफ-आर्ट डिजाइन स्टूडियो और उन्नत आरएंडडी सेंटर्स हैं, जो हमें थ्रीडी (3D) प्रिंटिंग, कास्टिंग, इंजीनियर्ड मेटल तैयार करने, सीएनसी मशीनिंग, लेजर कटिंग और H₂O₂-आधारित सोल्डरिंग जैसी अत्याधुनिक विनिर्माण तकनीकों का इस्तेमाल करने के लिहाज से सक्षम बनाते हैं, जिससे हम अद्वितीय गुणवत्ता के ऐसे गहने बना सकते हैं, जिसमें किसी तरह की खामी ना हो। इस इकाई के साथ ना सिर्फ हमारी उत्पादन क्षमता बढ़ी है, बल्कि हम डिजाइन नवाचार (इनोवेशन), सतत विनिर्माण (सस्टेनेबल मैन्यूफैक्चरिंग) और परिचालन उत्कृष्टता में उद्योग के लिए नए बेंचमार्क स्थापित कर रहे हैं। यह घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं को पूरा करने में सक्षम ठोस विनिर्माण इकोसिस्टम तैयार करने की हमारी लंबी अवधि के दृष्टिकोण को दिखाता है। यह फैसिलिटी अमेरिका, जर्मनी, इटली और तुर्की से आयातित उच्च गुणवत्ता की प्रिसिशन मशीनों से लैस है। इससे उत्पादन और नवाचार में विश्वस्तरीय मानकों को अपनाना सुनिश्चित होता है। प्रक्रिया (प्रोसेस) से जुड़ी क्षमताओं और परिचालन दक्षता को और बढ़ाने के लिए इस विषय के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और प्रक्रिया से जुड़े परामर्शदाताओं को जोड़ा गया है। इस तरह दुनियाभर में अपनाई जा रही सबसे अच्छी प्रैक्टिस और विशेषज्ञता इस फैसिलिटी में सुनिश्चित की गई है। सोने, हीरे, जेमस्टोन और सीएनसी के गहनों के साथ-साथ सोने के सिक्के और बार बनाने की क्षमता के साथ यह इकाई वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली इकाई है और इसे वैश्विक बाजारों की विविध मांगों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त, इस इकाई में ही कौशल विकास केंद्र और कर्मचारियों के रहने के लिए जगह भी है जो प्रतिभा विकास और कार्यबल की बेहतरी में सहायक सिद्ध होते हैं। मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के भारत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, केएसए, बहरीन, ओमान, कुवैत, सिंगापुर, मलेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में 400 से ज्यादा स्टोर हैं। हैदराबाद, कोड़िकोड, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, कोयंबटूर और त्रिशूर में समूह की 10 विनिर्माण इकाइयां हैं। इनके अलावा यूएई, सऊदी अरब, कतर और ओमान में चार मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। भारत, यूएई, ओमान, कतर, केएसए, कुवैत, बहरीन और मलेशिया में समूह की 14 थोक इकाइयां भी हैं। साल 1993 में अपनी स्थापना के समय से ही मलाबार समूह की मुख्य प्रतिबद्धताओं में ईएसजी (पर्यावरण, समाज और गवर्नेंस) शामिल रहा है। इसके तहत हर परिचालन वाले देश में इस तरह की पहलों के लिए शुद्ध लाभ का पांच प्रतिशत हिस्सा अलग रखा जाता है। इन पहलों के तहत स्वास्थ्य, भूखमरी मुक्त दुनिया, हाउसिंग, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है।

 

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