नई दिल्ली। आज से 40 साल पहले सरकारी स्कूल से पढ़कर निकलने वाले छात्र डाक्टर, इंजीनियर, आइएएस, अभिनेता, वैज्ञानिक बनते थे। मगर कुछ समय से सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से कमतर आंकने की प्रवृत्ति बन गई है। आप अपने मन में बच्चे के सरकारी स्कूल में पढ़ने और कुछ नहीं बनने की भावना बिल्कुल नहीं रखें। दिल्ली सरकार हर तरह से बच्चों को आसमान पर चमकने वाला सितारा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। यह बातें बुधवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने चिराग दिल्ली स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में आयोजित संवाद/परिचय कार्यक्रम में कही।
मंत्री सूद ने यह भी कहा कि दिल्ली के यह सरकारी स्कूल किसी भी रूप से निजी स्कूल से कम नहीं है। उन्होंने नर्सरी, केजी और कक्षा एक के बच्चों के साथ अभिभावकों का भी अभिवादन किया। कार्यक्रम में शिक्षा निदेशक, प्रिंसिपल और शिक्षक भी मौजूद रहे। मंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से जानकारी मिल जाएगी कि आपका बच्चा किसके हाथ में रहेगा और कैसे वातावरण में जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से सुझाव भी मांगे।
सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में हर वो सुविधा देने वाली है जहां पर आपका बच्चा आगे बढ़ सकता है। आने वाले 5 सालों में तकनीकी मदद (सपोर्ट) इन सरकारी स्कूलों में होगी। एआई युक्त स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, आदि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लगाए जा रहे जिनसे न केवल बच्चें इन नई तकनीकों से अवगत होंगे बल्कि भविष्य के लिए भी अपने आप को तैयार कर सकेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शिक्षा के साथ साथ बच्चों को खेल कूद में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अब ओलंपिक और पैरालंपिक पदक विजेताओं को स्वर्ण पदक के लिए 7 करोड़, रजत पदक के लिए 5 करोड़ और कांस्य पदक जीतने के लिए 3 करोड रुपए की राशि दी जाएगी। मंत्री ने विद्यालय के प्रांगण में पौधारोपण कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।v
Ashish Sood: शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पैरेंट्स क्यों कहा ऐसा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे…
