साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, AntiFraud.AI का फ्रीमियम मॉडल लॉन्च किया

पुणे – सीमापार बढ़ते साइबर खतरों और आम लोगों की डिजिटल गतिविधियों में तेजी को देखते हुए, भारत की सबसे भरोसेमंद साइबर सुरक्षा कंपनी क्विक हील टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड ने अपने प्रमुख समाधान AntiFraud.AI का फ्रीमियम वर्जन लॉन्च करने की घोषणा की है। यह साहसिक और समयानुकूल कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते डिजिटल मोर्चा भी उतना ही अहम हो गया है जितना पारंपरिक युद्धक्षेत्र।
AntiFraud.AI की एक खासियत यह है कि यह न केवल फोन पर मौजूद खतरनाक ऐप्स का पता लगाता है, बल्कि उन छिपे हुए या अदृश्य ऐप्स को भी खोज निकालता है जो यूज़र की जानकारी के बिना चुपचाप काम करते हैं। आमतौर पर ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल फिशिंग, जासूसी सॉफ्टवेयर और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया जाता है। AntiFraud.AI इन ऐप्स को लेकर यूज़र को सतर्क करता है और उन्हें हटाने या नियंत्रित करने के सुझाव देता है। इस तरह यह हर मोबाइल यूज़र के लिए एक जरूरी सुरक्षा परत बन जाता है। लोगों को स्कैम, स्पायवेयर और साइबर धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने की तात्कालिक आवश्यकता को समझते हुए, क्विक हील ने इस समाधान को फ्रीमियम मॉडल में उपलब्ध कराया है, जिससे उपयोगकर्ता मुफ्त में बुनियादी सुरक्षा टूल्स का इस्तेमाल कर सकें और डिजिटल दुनिया में बेखौफ रह सकें। इस पेशकश में कई उपयोगी खूबियाँ शामिल हैं, जैसे:फ्रॉड ऐप डिटेक्टर फोन पर मौजूद हानिकारक ऐप्स का पता लगाता है, चाहे वे दिखाई दे रहे हों या छिपे हुए स्‍कैम प्रोटेक्‍शन ,ऑनलाइन ठगी से सुरक्षा रिस्क प्रोफाइल असेसमेंट. साइबर धोखाधड़ी के खतरे का आकलन करता है कॉल फॉरवर्डिंग अलर्ट, बैंकिंग फ्रॉड अलर्ट, पेयी नेम अनाउंसर, फ्रॉड प्रोटेक्ट बडी, और अनऑथराइज्ड एक्सेस अलर्ट जैसे कई अन्य सुरक्षा फीचर्स इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में क्विक हील टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड के सीईओ विशाल साल्वी ने कहा,क्विक हील में हमारा विश्वास है कि साइबर सुरक्षा हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। आज जब डिजिटल खतरों की तीव्रता और स्वरूप असली दुनिया के संघर्षों की तरह गंभीर हो चुके हैं, ऐसे समय में देश के साथ खड़ा रहना हमारा कर्तव्य है। AntiFraud.AI के फ्रीमियम वर्जन को सभी के लिए बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराकर हम राष्ट्रीय हित में अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहे हैं ताकि हर नागरिक साइबर अपराधियों और ऑनलाइन धोखेबाजों की नई-नई चालों से सुरक्षित रह सके। यह पहल भारत के डिजिटल इकोसिस्टम की सुरक्षा की मौजूदा आवश्यकता के अनुरूप है।2024 की शुरुआत में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने बताया था कि देश में साइबर धोखाधड़ी से 1750 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7.4 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए। ऐसे समय में क्विक हील का यह कदम आम नागरिकों को सशक्त बनाने और डिजिटल सुरक्षा में आई खामियों को दूर करने की दिशा में बेहद अहम है।

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